बीबीसी ख़बर, न्यूज नेटवर्क पुरोला
Purola (Fab 10/24) इन दिनों जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से मिलने वाले चावलों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लोगों के बिच प्लास्टिक का चावल मिलाए जाने की खबर तेजी से फैल रही है। जिससे कई जगह ग्रामीणों ने चावल खाना तक छोड़ दिया है। वहीं खाद्य पूर्ति निरीक्षक का दावा है कि एक निश्चित मात्रा में इन चावलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिलाया गया है। इन चावलों को फोर्टिफाइड चावल कहा जाता है। जो शरीर को कुपोषण से लड़ने में सक्षम बनाता है।
इस बार सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानो से मिलने वाले चावलों में कुछ प्लास्टिक से दिखने वाले चावलों के दाने मिलने पर ग्रामीणों का कहना है कि चावल को पकाते समय पानी डालते ही प्लास्टिक की तरह दिखने वाले चावल ऊपर तैरता दिख रहा है।
इससे लोग इसे प्लास्टिक का समझकर खाने से डर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से बताया गया है कि इन चावलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिलाया गया है। इन चावलों को फोर्टिफाइड चावल कहा जाता है जो कुपोषण से लड़ने में शरीर को सक्षम बनाता है।
पूर्ति निरीक्षक रमेश खरोला का कहना है की सस्ते गल्ले की दुकानों में इस महीने मिलने वाले चावल में सरकार की ओर से कुपोषण जैसी बीमारी से निपटने के लिए सूक्ष्म तत्वों को सही मात्रा में मिलाया गया है।ये चावल पोषक तत्वों से युक्त होते हैं। यह सूक्ष्म पोषक तत्व प्लास्टिक चावल की तरह ही दिखते हैं। यह प्लास्टिक का चावल नहीं है। विटामिन बी-12 फोलिक एसिड और आयरन जैसे सूक्ष्म तत्वों को चावलों के साथ मिलाया गया है। जो 100 किलो चावल में एक किलो पोषक तत्व वाले चावल मिलाया गया है।लोगों से अपील है कि भ्रामक खबरों से बचे और चावलों का प्रयोग बेहिचक करें।