
- छः पदों का चार्ज संभाल रहा एक अधिकारी, अंधेर नगरी चौपट राज
- जनपद के सभी विकासखंडों में उप शिक्षा अधिकारी बेसिक का पद लंबे अंतराल से चल रहा रिक्त ।
- एक ही अधिकारी संभाल रहा मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, जिला परियोजना अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, उप शिक्षा अधिकारी बेसिक का पद
बीबीसी ख़बर,न्यूज नेटवर्क
Uttarkashi (18 DEC 23) स्थानीय कहवात “एक लाली कोकी त जाली” कुछ इस तरह ही उत्तरकाशी जनपद का हाल है।जनपद उत्तरकाशी के शिक्षा विभाग में कोई भी जिला स्तरीय अधिकारी कार्यरत नहीं है। जनपद में मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व जिला परियोजना अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हैं।जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था और निर्माण कार्य चरमराने लगे है। साथ ही जिला स्तरीय अधिकारीयों के पद रिक्त होने से बजट सहित उचित निर्णय लेने की कमी भी साफ नज़र आ रही है। जिला स्तरीय अधिकारीयों के न होने से इसका खामियाजा जिले की शिक्षा व्यवस्था को उठाना पड़ रहा है। वर्तमान में खंड शिक्षा अधिकारी भटवाड़ी द्वारा ही अपने पद के साथ जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, मुख्य शिक्षा अधिकारी सहित जिला परियोजना अधिकारी का कार्यभार देखा जा रहा है।
जनपद में जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी के पद लम्बे समय से रिक्त चल रहे हैं। जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था चरमराने लगी है। भटवाड़ी खंड शिक्षा अधिकारी के जिम्मे ही पुरे जिले की शिक्षा व्यवस्था का जिम्मा है। वर्तमान में उत्तरकाशी जनपद में 679 प्राथमिक विद्यालय, 247 उच्च प्राथमिक विद्यालय,75 इंटर कॉलेज, 52 माध्यमिक स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। वहीं जनपद के छः विकास खंडों में से सबसे बड़े विकास खंड नौगांव विकासखंड में खंड शिक्षा अधिकारी भी लम्बे समय से रिक्त ही चल रहा है। वहीं जनपद के छः विकासखंडों भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़, डूंडा, नौगांव, पुरोला, मोरी में उप शिक्षा अधिकारी बेसिक के पद भी लम्बे अंतराल से रिक्त चल रहे हैं ।
इसके अतिरिक्त उनके द्वारा स्वयं के विकासखंड भटवाड़ी का खंड शिक्षा अधिकारी एवं उप शिक्षा अधिकारी का भी कार्यभार देखा जा रहा है साथ ही जिला परियोजना अधिकारी का दायित्व भी देखा जा रहा है एक ही अधिकारी द्वारा 6 दायित्वों का प्रभाव देखे जाने के कारण जिले में शिक्षा विभाग के सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं।केंद्र व राज्य सरकार को आने वाले वर्षों के लिए उचित प्लान भी खटाई में पड़ सकते हैं। जिला स्तरीय अधिकारी न होने से इसका खामियाजा जिले की संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था को उठाना पड़ रहा है। वहीं जनपद में चल रहे स्कूल भवनों के नवनिर्माण सहित अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।