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भाजपा विधायकों के सवालों की बौछार से असहज सरकार, वन मंत्री के आंकड़ों पर दुर्गेश्वर ने मंत्री को घेरा 

BBC ख़बर, न्यूज नेटवर्क गैरसैण

गैरसैण,(Aug 22/24) गैरसैण में आयोजित दूसरे दिन के सत्र में पुरोला भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल के सवालों से वन मंत्री असहज नज़र आए, तो वहीं दूसरी ओर लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत ने सदन के बाहर तख्ती लेकर अपनी सरकार के वन मंत्रालय के क्रियाकलापों के विरोध में खड़े दिखे जिससे सदन में वन मंत्री सुबोध उनियाल को अपने अधिकारीयों के खिलाफ़ कार्यवाही करने की बात तक कहनी पड़ी।

सदन में अपनी बात रखते पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल

गैरसैण में चल रहे विधानसभा सत्र के दूसरे दिन पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल ने सड़को के किनारे खड़े चीड़ के पेड़ों से होने वाले दुर्घटनाओं और उससे हुई मानव छती को सदन में रखते हुए वन मंत्री से पूछा की इस सत्र में सड़को के किनारे चीड़ के पेड़ों के गिरने से कितने लोगों की मौत हुई है? और आगे इनसे बचने के लिए वन मंत्रालय क्या कदम उठा रहा है? जिसके जवाब में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सदन को बताया कि इस सत्र में पुरोला विधानसभा में दो लोगों की मौत चीड़ के पेड़ गिरने से हुई है। जिस पर पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल सदन में बिफर पड़े और वन मंत्री से कहा की आपके विभाग के अधिकारी ही आपको गलत और भ्रामक सूचनाएं प्रदान कर रहें हैं जिससे सदन को भी गुमराह किया जा रहा है। इस सत्र में सड़क किनारे चीड़ के पेड़ों के गिरने से अकेले पुरोला विधानसभा में ही तीन लोगों की जान गई जबकि एक अन्य युवक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।

विधायक दुर्गेश्वर लाल ने सदन में वन मंत्री से पूछा कितने लोगों की मौत हुई सड़क किनारे खड़े चीड़ के पेड़ों के गिरने से

विधायक दुर्गेश्वर ने सभापति से वन महकमे के उस अधिकारी पर कार्यवाही करने की मांग की जिसने सदन को गुमराह करने के लिए वन मंत्री को ये भ्रामक आंकड़े भेजे जिस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सदन को आश्वस्त करते हुए बताया की इसकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उक्त अधिकारी के खिलाफ़ कार्यवाही भी की जायेगी।

लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत सदन के बहार,,,

वहीं दूसरी ओर लैंसडाउन विधायक महंत दिलीप रावत ने भी सदन के बहार एक तख्ती पर “गुलदारों से उत्तराखंड बचाओ ” का नारा लिख सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर वन महकमे को इस विषय पर नए सिरे से सोचने पर मजबूर किया। भाजपा विधायकों के सदन के भीतर और बाहार सवालों के बौछारों से सरकार भी असहज नज़र आईं।

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