
बीबीसी ख़बर, न्यूज नेटवर्क
Uttarkashi (16 Nov) सिलक्यारा टनल हादसे के पांच दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक बचाव दल को कोई भी सफलता हाथ नहीं लगी वहीं टनल के अंदर फंसे 40 लोग अपनी जिंदगी और मौत की सांस लेने को मजबूर हैं। हालांकि प्रशासन घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन लगातर बनाए हुए है। जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा गठित टीम के लोगों सहित कांग्रेस ने भी मौका मुआयना कर रेस्क्यू ऑपरेशन में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया।

विगत 12 नवंबर की सुबह से सिलक्यारा टनल में फंसे 40 लोगों का अभी तक रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं हो पाया है। हालांकि प्रशासन ने नई ऑगर हैवी मशीन को नई दिल्ली से सेना के मालवाहक जहाज से पुरी खेप पहुंचा दी है।जिसने घटनास्थल पर कार्य भी शुरु कर दिया है। नव युगा कंपनी के पीआरओ ने बताया की अभी तक 11 पाइप को ड्रिल कर प्रभावित टनल के हिस्से में डाल दीया गया है।
कल जिला विधिक प्राधिकरण के दैवीय आपदा प्रभावित विधिक सहायता पुनर्वास ग्रुप के सदस्य एडवोकेट राजेश राणा, एडवोकेट गीता ज्याडा बहुगुणा,डॉक्टर कपिल तोमर,डॉक्टर अंगद राणा भी सिलक्यारा टनल हादसे का जायजा लेने घटनास्थल पहुंचे टीम के लोगों द्वारा बताया गया कि टनल में फंसे मजदूरों का मेडीकल फिटनेस नहीं करवाया गया है। साथ ही कंपनी द्वारा फंसे हुए 40 मजदूरों में सिर्फ 13 लोग ही लेबर एक्ट के तहत् पंजीकृत मजदुर है। यदि कोई अनहोनी होती है तो कंपनी इन्ही 13 लोगों को लेबर एक्ट के तहत् प्रतिकर देने के लिए बाध्य होगी।

वहीं दूसरी ओर बडकोट, पुरोला,उत्तरकाशी से कांग्रेस के पुर्व मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी व जिला अध्यक्ष दिनेश चौहान के नेतृत्व में सिलक्यारा पहुंचे जहां उन्होंने आपदा प्रबंधन कार्यों का जायजा लेते हुए प्रदेश सरकार को कोसते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों के प्रचार में व्यस्त है और यहां पांच दिनों से 40 जिंदगियां काल के गाल में फंसी हुई है लेकिन सब खाना पूर्ति ही हो रही है। दिनेश चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि चार दिनो में चार मीटर भी रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया जा सका, प्रदेश सरकार इस ऑपरेशन को सेना को सौप दे। तभी टनल से 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा। इस अवसर पर कांग्रेस महिला जिला अध्यक्ष ललिता भंडारी, जिला महासचिव नरेश चौहान, गुरुदेव रावत,नागौव नगर अध्यक्ष जेपी हिन्द्वान, सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।