बीबीसी ख़बर, न्यूज नेटवर्क
हेमकुंड साहिब/जोशीमठ,सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट बुधवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस भक्ति मय पल के साक्षी बनने के लिए करीब दो हजार से अधिक तीर्थ यात्री हेमकुंड पहुंचे। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से कपाट बंद करने की प्रक्रिया आज सुबह ही शुरू कर दी गई थी। इस वर्ष 20 मई में को श्री हेमकुंड साहिब के कपाट तीर्थ यात्रियों के लिए खोल दिए गए थे। तब से लेकर अभी तक बर्फबारी और बारिश के बीच लगभग 2 लाख के करीब श्रद्धालु श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन कर मथा टेक चुके है।
विश्व प्रसिद्ध् हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण लोकपाल मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट दोपहर डेढ़ बजे शुभ मुहूर्त में बंद किए गए। इस पावन अवसर के साक्षी बनने के लिए करीब दो हजार से ज्यादा तीर्थयात्री हेमकुंड पहुंचे। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जो बोले सो निहाल के जयकारे लगाए। इस साल हेमकुंड साहिब में 1,76,015 तीर्थयात्रियों ने मत्था टेका। चमोली जनपद में मंगलवार को ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी के बाद आज बुधवार को सुबह से चटक धूप खिली हुई है।
प्रात: 10 बजे सुखमणि साहिब पाठ के साथ ही श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट बन्द की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई, जिसके पश्चात गुरु वाणी, शबद कीर्तन, साल की अंतिम अरदास तथा हुक्मनामा पढ़ने के पश्चात आखिरी में पंच प्यारों और सेना के इंजीनियर कोर की बैंड की अगुवाई में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी को सर्च खंड में सुशोभित किया जाएगा। तदोउपरान्त दोपहर ठीक 1 बजे शीतकाल के लिए श्री हेमकुंड साहिब के कपाट बन्द किए गए। इस अवसर पर लगभग 2500 से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने की इस अलौकिक बेला के साक्षी बने। पुलिस द्वारा पवित्र निशान साहिब एवं कपाट बंद होने के अवसर पर मौजूद सभी य़ात्रियों को सकुशल गोविन्दघाट लाया गया। इस वर्ष 20 मई को प्रारम्भ हुई श्री हेमुकण्ड साहिब की यात्रा में 01 लाख 80 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री हेमकुण्ड साहिब जी के सकुशल दर्शन किये। जिनकी सुरक्षा हेतु पुलिस अधीक्षक रेखा यादव के कुशल नेतृत्व में चमोली पुलिस एवं एसडीआरएफद्वारा बर्फबारी, कड़कती ठंड, बारिश एवं आपदा के समय विपरीत परिस्थिति में मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी करते हुए श्री हेमुकण्ड साहिब की यात्रा पर आये श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल एवं सुगम बनाया गया। सभी श्रद्धालुओं द्वारा जनपद पुलिस की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा व आभार प्रकट किया गया।
वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 24 अक्तूबर को विजयादशमी के दिन बंद होने की तिथि तय होगी।