BBC ख़बर न्यूज नेटवर्क champawat
Champawat (Aug 13/24) सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा व चंपावत परिसर में विश्वविद्यालय का 5 वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया।अल्मोड़ा परीसर में कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने विश्वविद्यालय की प्रगति पर अपने विचार रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर आगे बढ़ रहा है । चंपावत परिसर में मुख्य अतिथि के रूप में परिसर निदेशक डॉ. नवीन भट्ट ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अपने स्थापना से छात्रों को उनके व्यक्तित्व विकास की ओर ध्यान दे रहा है।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट, पूर्व कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी, पूर्व कुलपति प्रो0 जगत सिंह बिष्ट, पूर्व परीक्षा नियंत्रक सुशील कुमार जोशी, परीक्षा नियंत्रक डॉ मुकेश सामंत, वित्त अधिकारी अमित कुमार त्रिपाठी, प्रो0 देव सिंह पोखरिया की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
डॉ चन्द्र प्रकाश फुलोरिया ने संचालन किया।
पूर्व आचार्य प्रो देव सिंह पोखरिया ने विश्वविद्यालय के स्थापना के दौरान की स्थितियों पर वप्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों का सामना करते हुए यह विश्वविद्यालय अब अपने स्वरूप को ग्रहण कर रहा है। उन्होंने स्थापना दिवस पर सभी को बधाई दी।
विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 जगत सिंह बिष्ट ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना के समय की समस्याओं और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। और कहा कि सभी को मिलकर विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए प्रयास करना चाहिए। साथ ही उन्होंने स्थापना दिवस पर सभी को बधाइयाँ दी।
पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो0 सुशील कुमार जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय की नींव को मजबूत बनाने में संविदा शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मियों का योगदान बहुत है। स्थापना काल से यहां के शिक्षक, कर्मचारीगण नींव मजबूत कर रहे हैं, जिनके भविष्य को लेकर सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने स्थापना दिवस की बधाइयाँ दी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी, द्वितीय कुलपति प्रो0 जगत सिंह बिष्ट , पूर्व परीक्षा नियंत्रक सुशील कुमार जोशी और प्रो0 देव सिंह पोखरिया को दिशा देने और महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. मुकेश सामंत (परीक्षा नियंत्रक), श्रीमती संजना भंडारी, देवेंद्र पोखरिया, श्री प्रकाश सती, त्रिलोक बिष्ट, आनंद बिष्ट,श्री विपिन चंद्र जोशी,राजेन्द्र राणा, गोविंद मेर, विनीत कांडपाल, ईश्वर बिष्ट, आलोक वर्मा, राकेश साह, हेमा डसीला, दीवान फत्र्याल, गोविंद रावत, पवन रावल, रवींद्र बिष्ट, हेमा डसीला, नेहा पांडे, कुंदन, रंजीत सिराड़ी आदि उपस्थित रहे।
वहीं चंपावत परिसर में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि परिसर निदेशक डॉक्टर नवीन भट्ट और अन्य शिक्षकों द्वारा दीप प्रज्वलन कियार। इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों के मन में उत्साह और उमंग भर दी। समारोह में महामहिम राज्यपाल द्वारा वर्चुवल माध्यम से अपना संदेश में कहा कि विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो इस दिशा में विश्वविद्यालय आगे बढ़ेगा। मुख्य अतिथि परिसर निदेशक डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अपने स्थापना से छात्रों को उनके व्यक्तित्व विकास की ओर ध्यान दे रहा है।डॉ भट्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल बिष्ट के नेतृत्व में विश्वविद्यालय अनेकों आयाम स्थापित कर रहा है।छात्र-छात्राओं को रोजगारपरक शिक्षा के विश्वविद्यालय प्रयास रत है। डॉ भट्ट ने सभी छात्र संगठनों से विश्वविद्यालय परिसर के लिए सहयोग का आह्वाहन किया।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने सोबन सिंह जीना के जीवन के विभिन्न पहलुओं और विश्वविद्यालय की प्रमुख उपलब्धियों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षण, शोध, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्रों की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की।
कार्यक्रम के अगले चरण में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने संगीत और नृत्य के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को जीवंत और रंगीन बना दिया।
कार्यक्रम के अंतिम चरण में परिसर निदेशक डॉ. नवीन भट्ट ने छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों की सराहना की और छात्रों को अपने कौशल और प्रतिभा को निखारने के लिए प्रोत्साहित किया
इस अवसर पर डॉक्टर विनोद कार्की ,डॉक्टर गणेश गिरी ,डॉ अमित कश्यप , गजेंद्र कुमार , डॉ नेहा, डॉ अमित राजन डॉ मीनाक्षी, डॉ हनुमंत ओली, डॉ कविता खत्री, डॉ विनोद जोशी, डॉ शोभा आर्या डॉ अंकित भट्ट, डॉक्टर बचन लाल,मोहित खर्कवाल ,मोहित भट्ट,मनीष महर,कुशाग्र वर्मा,पारस महर सहित सैकड़ों छात्र-छात्राए उपस्थित थे।