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उफनती नदी पर लकड़ी की पुलिया तैयार करते मजबूर ग्रामीण, शाशन–प्रशाशन मौन 

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BBC ख़बर,न्यूज नेटवर्क पुरोला 

Mori Uttarkashi (Aug 25/24) मोरी विकास खंड के सुदूरवर्ती सीमांत गांव लिवाड़ी से एक वीडियो सामने आई है जिसमें गांव के ही कुछ लोग  उफनती हुई अपर सूपिन नदी पर  लकड़ी के पुल का निमार्ण करने में जुटे हैं। ये लोग अपनी मवेशियों को सुरक्षित घर पर पहुंचाने के लिए अपनी जान भी दांव पर लगा रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन को ग्रामीणों की जान की कोई परवाह ही नहीं, तभी तो मजबूरन ये लोग  अपनी जान की परवाह किए बिना अपने पशु धन को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए और भेड़ पालकों के लिए रशद पहुंचाने के लिए लामबंद हुए हैं। लेकिन जनप्रतिनिधि ख़ामोश बैठ कर तमाशा देख रहे हैं।

लिवाडी गांव से पांच किलोमीटर दूर उफनती अपर सूपिन नदी पर लकड़ी का पूल तैयार करते लोग
मोरी

मोरी विकास खंड के सीमांत गांव लिवाड़ी के ग्रामीणों की हजारों की संख्या में भेड़ बकरियां इन दिनों चरान चुगान के लिए  फूल शायडी, बिष कूपड़ी, थगल्टी, भीड़ा- बुल्कण, संकुन्डा आदि  बुग्यालों में गई हुई है। बरसात के बाद उच्च हिमालय क्षेत्र के बुग्यालों में ठंड शुरु हो गई है। अब भेड़ पालक अपनी मवेशियों के साथ बुग्यालों  से उतरकर गांव की ओर आने शुरू हो गए हैं। वहीं भेड़ पालकों तक रशद पहुचानी है लेकिन 8 अगस्त को हुई वर्षात के चलते अपर सूपिन नदी पर बने सभी अस्थाई पुलिया भी नदी के तेज़ बहाव में बह गई। जिस कारण हजारों मवेशियों को गांव तक सुरक्षित पहुंचाने और मवेशियों के साथ गए भेड़ पालकों तक रशद आपूर्ति के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान कर उफनती हुई सूपिन नदी पर एक अस्थाई लकड़ी की पुलिया के निर्माण करने में जुट गए हैं। ग्रामीणों ने बताया की कई बार सेंचुरी प्रशासन को इसके बारे में अवगत करवाया गया लेकिन उनके स्तर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब मजबूर हो कर ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर ये पहल करनी पड़ी है।

पुलिया निर्माण करने में जगवीर रावत पूर्व प्रधान, प्रमोद रावत, जय सिंह रावत, जवाहर सिंह रावत, रविंद्र रावत, जसपाल रावत, बीर बहादुर रावत सहित अन्य ग्रामीणों ने अपना सहयोग दीया।

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