जिनकी जमानत मंजूर हुई है उनमें दो आरोपियों पर लगा है गैंगस्टर एक्ट
देहरादून। uksssc पेपर लीक मामले में गिरफ्तार और जेल में बंद पंतनगर विवि के पूर्व अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी समेत चार लोगों की जमानत मंजूर हो गई है। आरोपी जोशी की जमानत मंजूर होने का कारण उनके पास नगदी बरामद ना होना माना जा रहा है। हालांकि इनमें से दो के अभी जेल से बाहर आने की संभावना कम जताई जा रही है। भर्ती घपले के मामले में पहली बार आरोपियों की जमानत कोर्ट से मंजूर हुई है।
जानकारी के अनुसार uksssc पेपर लीक मामले में एसटीएफ उत्तराखंड ने जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह समेत कई लोगों को सलाखों के पीछे भेजा है। वहीं, भर्ती मामले में गिरफ्तार पंतनगर विवि के पूर्व एईओ दिनेश चंद्र जोशी, तुषार चौहान, उपनल कर्मियों के नेता भावेश जगूड़ी व अंकित रमोला को जमानत मिल गई है। इनमें जोशी व अंकित पर गैंगस्टर की धारा लगी है। इनके बाहर आने की संभावना कम जताई जा रही है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि पेपर लीक मामले में 21 मुख्य अभियुक्तों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी के अनुसार देहरादून जिला न्यायालय एडीजे चतुर्थ आशुतोष मिश्रा की कोर्ट से दिनेश चंद्र जोशी की जमानत मंजूर हो गई है। तिवारी के मुताबिक, उन्होंने जमानत की पैरवी के दौरान गुरुवार व शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि दिनेश चंद्र से कोई धनराशि नहीं मिली। एसटीएफ ने उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 80 लाख रुपये में अभ्यर्थियों को पेपर बेचे। एसटीएफ पर्याप्त सबूत भी पेश नहीं कर सकी। जिन अभ्यर्थियों को पेपर बेचने का आरोप लगाया गया है, उनको केस में अभियुक्त भी नहीं बनाया गया। मात्र बयानों के आधार पर जोशी को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया गया था। जिन आरोपियों को जमानत मिली है उन्हें एक-एक लाख रुपये का दंड देना होगा और उनके देश छोड़ने पर पाबंदी होगी।