उत्तराखंड

Uksssc पेपर लीक मामले में लिप्त किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा : डीजीपी

पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार ने मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय में की प्रेस वार्ता

Dehradun। एसटीएफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में अबतक 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। गत बुधवार को टीम ने सचिवालय में तैनात वन एवं लोक निर्माण विभाग के अपर निजी सचिव गौरव चौहान को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी पर 15 लाख के हिसाब से पेपर बेचने के गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं एक अन्य अधिकारी एसटीएफ की रडार पर बताया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार ने आज इस मामले में पुलिस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता की।

डीजीपी अशोक कुमार ने पत्रकारों को दी जानकारी में बताया कि दिसंबर 2021 में आयोजित हुई (UKSSSC) उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में एसटीएफ 15 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। और 50 से अधिक अभ्यर्थी रडार पर हैं जिन्होंने नकल या अनुचित माध्यम का प्रयोग कर परीक्षा उत्तीर्ण की है। डीजीपी ने बताया कि मामले में चेन से चेन जोड़ते हुए विवेचना जारी है। इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने एसटीएफ की पूरी टीम को आउट स्टैंडिंग वर्क के लिए 15 अगस्त सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने मामले में किसी भी तरह के राजनीतिक और शासन स्तर के दबाव से साफ इंकार किया है।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्तराखंड अशोक कुमार।

डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि किसी भी तरह का कोई प्रशासनिक या राजनीतिक दबाव पुलिस के ऊपर नहीं है। उन्होंने बताया कि ₹8300000 कैश के अलावा कई करोड़ रुपए के बॉन्ड पेपर समेत अन्य संपत्तियां, वाहन, पेपर लीक से कमाए गए पैसे से हुई लेनदेन की तफ्तीश कर रही है। कई और संदिग्ध भी पुलिस के रडार पर हैं। एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि नेता हों या सफेदपोश नौकरशाह, दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संवेदनशील मामले में निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं। किसी भी स्तर तक पुलिस मामले में दोषी आरोपियों को गिरफ्तार करेगी। बताया कि इस परीक्षा के अलावा अगर किसी और भर्ती एग्जाम की भी पुख्ता सबूतों के साथ शिकायत आती है तो उसकी जांच भी की जाएगी। पत्रकारों के कई सवालों का हालांकि डीपीपी जवाब नहीं दे पाए या उन्होंने तोड़ मरोड़ कर जवाब दिया। पूर्व में हुई इसी तरह की परीक्षा की धांधली के मामले में आरोपियों के कोर्ट से बरी हो जाने के सवाल का वह गोलमोल जवाब दे गए। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मामले की विवेचना जारी है। किसी भी स्तर के अधिकारी अथवा पार्टी के नेता को बख्शा नहीं जाएगा। अब देखना होगा कि कोर्ट तक पहुंचते-पहुंचते कितने आरोपियों के खिलाफ पुलिस सख्ती से कार्रवाई करवा पाएगी। पहले की भर्ती परीक्षाओं की धांधली के आरोपियों की तरह इस भर्ती के पेपर लीक मामले में पकड़े जा रहे नकल बाज और नकल करवाने वाले कोर्ट से सख्त सजा पाने के बाद सलाखों के पीछे होंगे या फिर अन्य ऐसे मामलों की तरह बरी होकर फिर से किसी अन्य परीक्षा में धांधली करेंगे।

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