यूक्रेन- रूस वॉर : भय, भूख-प्यास से कट रहे छात्रों के रातदिन
रूस के यूक्रेन पर आक्रामक रुख से दुनिया के सामने नया संकट खड़ा
खारकीव के पिशेचीन कस्बे में फंसे हैं करीब 800 छात्र
पुरोला। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार सुबह यूक्रेन पर हमला कर दुनिया के सामने नया संकट खड़ा कर दिया है। रूस को रोकने के लिए दुनिया के सभी देश लगे है लेकिन रूस मानने को तैयार नहीं। इस बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय मेडिकल छात्रों के रातदिन भय के साये में गुजर रहे है।
शुक्रवार को यूक्रेन में फंसे नगर पंचायत पुरोला के मेडिकल छात्र (भाई- बहन) विनायक-अस्मिता थपलियाल ने bbc खबर के संवाददाता से बातचीत कर अपनी आपबीती सुनाई। कहा हम लोग अभी खारकीव शहर से 15 किमी दूर पिशेचीन कस्बे ही पहुंच पाए हैं। हम करीब 800 छात्र हैं जो यहां से 3 दिनों से रोमानिया बॉर्डर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय ट्रांसपोर्ट वहां पहुंचाने के 200 डालर प्रति छात्र की मांग कर रहे हैं। बैंक बन्द हैं, जो ऐसी स्तिथि में सम्भव नहीं है।
छात्रों ने दूतावास अधिकारियों पर लगाए अनदेखी के आरोप मेडिकल के छात्रों का कहना है कि भारतीय दूतावास के लोगों ने हमें तीन दिन पहले खर्कीव शहर से रेस्क्यू कर पिशेचीन कस्बे में लाये थे लेकिन उसके बाद हम यहां पर गाड़ियों का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारी उसके बाद से हमारी सुध नहीं ले रहे हैं। हम लोग दो दिन से भूखे प्यासे बैठे हैं। 2 मार्च की शाम को हमे खाने को 2 ब्रेड दिए गए। पानी की बहुत किल्लत है, हम लोगों ने काफी दिनों से भरपूर खाना नहीं खाया है। जिससे हालत बहुत खराब हो गए है। छात्रों ने सरकार से बैकल्पिक व्यवस्था कर स्वदेश लाने की गुहार लगाई है।