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17 वें दिन रेस्क्यू के बाद सुरक्षित निकाले गए सुरंग से 41 मजदूर, सीएम पुष्कर सिंह धामी भी रहे मौजूद

बीबीसी ख़बर न्यूज नेटवर्क Big Breaking News

  • Uttarkashi (24 Nov) सिलक्यारा टनल में 17 दिनों के अथक प्रयासों से  12 नवंबर को फंसे आठ राज्यों के 41 श्रमिकों को आज सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन कर टनल से पाइप के माध्यम से बहार निकालने का कार्य शुरू हो गया है ख़बर लिखते समय तक 15 मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया था। बाकी लोगों को निकालने का कार्य प्रगति पर है।रेस्क्यू किए गए सभी लोग स्वास्थ्य और सुरक्षित हैं।सुंरग से बाहर निकाले गए सभी लोगों को एहतियात के तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य की जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ एंबुलेंस वाहनों के माध्यम से पहुंचाया गया। साथ ही किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए सरकार ने हैली कॉप्टर भी तैनात किया हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल से बाहर निकलते ही  सभी श्रमिकों से उनकी कुशलक्षेम पूछते हुए, उनसे कहा कि उनके धैर्य  बनाये रखने के लिए उनके जज्बे को सलाम,साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी एजेंसियो के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं पुरे रेस्क्यू ऑपरेशन की पल पल की रिर्पोट ले रहे पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए खुशी जाहिर की।

17 दिनों से सिलक्यारा टनल में फंसे सभी आठ राज्यों के 41मजदूरों का आज  सफल रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया, सभी मजदूरों को एहतियात के तौर पर प्राथमिक उपचार के लिए चिन्यालीसौड़ में बनाए गए 41 बैड के आपातकालीन अस्पताल ले जाया गया। जहां आपातकालीन अस्पताल में पूर्व से ही पुरी तैयारियां अस्पताल प्रशासन ने कर रखी थी।

इन एंबुलेंस की माध्यम से सभी श्रमिकों को इतिहास के तौर पर प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया

एनडीआरएफ की टिम ने पहले पाइप से अंदर पहुंच कर मजदूरों का हाल जाना तथा उन्हें रेस्क्यू और पाइप से बाहर निकलने की बारीकियां बताते हुए उनका सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाला गया, मजदूरों को निकालने के लिए पाइप के अंदर एक छोटी बैरिंग की गाड़ी का इस्तेमाल भी किया गया जिसमें लिटा/बिठा कर फंसे हुए लोगों को टनल से बाहर निकाला गया। पीड़ित परिजनों व फंसे श्रमिकों ने पीएम मोदी और सीएम धामी के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी एजेंसियों के कर्मियों को धन्यवाद देते हुए बाबा बौखनाग का आभार व्यक्त किया।

श्रमिक अपने परिजनों से मिलकर बहुत खुश दिखे। सुंरग से 17 दिनों बाद बहार निकले लोगों की आंखों में आंसू और चेहरे पर चमक साफ दिख रही थी। बाहर निकले लोगों ने कहा कि उन्हें नया जीवन मिला है। इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारों का बड़ा योगदान है। साथ ही सभी श्रमिकों ने बाबा बौखनाग का आभार व्यक्त किया।

चिन्यालीसौड़ में बनाया गया 41 बैड का इमरजेंसी अस्पताल

सिलक्यारा साइड से हैवी अमेरिकी ऑगर ड्रिल मिशन द्वारा किए गए ड्रिल और उसमें डाले गए 900 एमएम के 57 मीटर पाइपों के अंदर 800 एमएम के पाइप के माध्यम से सुंरग में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। जिन्हें एहतिहात के तौर पर 108 की मदद से चिन्यालीसौड़ में बनाए गए 41 बैड के आपातकालीन अस्पताल ले जाया गया । जहां से जरूरत पड़ने पर उन्हें एम्स ले जाने की भी पूरी व्यवस्था बना रखी है।

इन एजेंसीयों ने संभाला था रेस्क्यू ऑपरेशन का जिम्मा

सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आरवीएनएल, एसजेवीएनएल, टीएचडीसी, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय, एनएचआईडीसीएल समेत राज्य सरकार की अन्य एजेंसियां अपने-अपने मोर्चे पर पूरी तरह रेस्क्यू कार्य में जुटे थे।

पुरे मामले को पीएमओ की टिम नज़र बनाए हुए थी और पल पल की जानकारी पीएमओ ऑफिस को दि जा रही थी।

 

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