
BBC ख़बर, रिर्पोट महिदेव असवाल
पुरोला(uttarkashi) पुरोला विकास खंड में आपदा के बाद हुई ,क्षतिग्रस्त सिंचाई नहरों को सिंचाई विभाग मरमत नहीं कर रहा है। कई बार डीएम और विधायक ने विभाग के आला अधिकारियों को सिंचाई नहरें मरमत करने को निर्देशित लिए, बावजूद इसके विभागीय अधिकारीयों के कानों में जूं रेंगती नहीं दिख रही है। वहीं धान की फसलों को बिना पानी के बर्बाद होता देख आज पुरोला गांव के युवाओं ने श्रमदान कर खुद ही नहर की सफाई और मरमत करने का जिम्मा उठा लिया। पुरोला विकासखंड की लगभग–लगभग सभी नेहरे प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हो रखी है। और विभागीय अधिकारी मौज काट रहे हैं।

पुरोला विकास खंड में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त हुई नहरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। कई बार विभागीय अधिकारीयों को डीएम अभिषेक रुहेला और विधायक दुर्गेश्वर लाल ने क्षतिग्रस्त नहरों को तुरंत मरमत करवाने और उन में पानी चलाने के निर्देश दिए, लेकिन विभागीय अधिकारी अपनी ही मौज में हैं। इतना ही नहीं सिंचाई निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता पन्नी लाल समस्या को लेकर किसी का फोन उठाने की जहमत तक नहीं उठाते, अब जनप्रतिनिधि या पीड़ित कृषक अपनी फरियाद किस से करें। आपको अवगत करवाते चलें कि पुरोला में उगाए जाने वाला विशेष प्रकार का लाल धान जिसे स्थानीय बोली भाषा में चरधान कहा जाता है। अगस्त और सितंबर माह में पानी की शक्त आवश्यकता होती है यदि इन दिनों इस फसल को पानी पर्याप्त मात्रा नहीं मिलता तो ये पुरी तरीके से खराब होने लगता है। आज पुरोला गांव के युवाओं ने विभागीय अधिकारियों के उदासीन रवैया के चलते खुद ही नहरों की सफाई व मरमत में जुट गए। पर विभागीय अधिकारी ढीट बन कर दून आदी की यात्रा करने में ही व्यस्त दिख रहे हैं। इतना ही नहीं उक्त नहर के मरमत संबंधित आगणन त्रुटिवश शासन स्तर से सिंचाई निर्माण खंड विभाग पुरोलत में 1अगस्त से धूल फांक रहा है ,लेकिन विभागीय अधिकारियों व कर्मचारीयों की उदासीनता व कमचोरी के चलते उक्त आगणन उत्तराखण्ड शासन के बजाय विभाग की आलमारियों में ही अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्य कुशलता व संवेदनशीलता की गवाही दे रहा है ।

वही जब इन समस्याओं को लेकर अधिशासी अभियंता सिंचाई निर्माण खंड पुरोला पन्नीलाल को कई बार फोन पर वार्ता करने की कोशिश की गई तो वह फोन उठाते हुए नजर नहीं आए।
इन युवाओं ने संभाली श्रमदान कर अपने गांव की नहर को ठिक करने का जिम्मा।
त्रेपन सिंह रावत, त्रिलोक सिंह चौहान, मनवीर रावत, धनंजय सिंह, भगत राम, भुवनेश उनियाल, बलवीर असवाल, राजेंद्र उनियाल, वीरेंद्र उनियाल, सुनील, जगमोहन असवाल, रमेश नौटियाल आदि लोग श्रमदान करने में मौजूद रहे।