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अवैध रिजॉर्ट में सेंचुरी के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध ?

रिपोर्ट, अनिल असवाल

Purola (उत्तरकाशी)। नकल माफिया हाकम सिंह का सांकरी में देवदार की लकड़ी से बना रिजॉर्ट आजकल खूब चर्चाओं में है। देवदार की कीमती लकड़ी से बना यह रिजॉर्ट अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है कि जिस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी क्षेत्र में चारापति तक काटना अपराध है। तो इतना बड़ा देवदार का रिजॉर्ट सेंचुरी की भूमि पर कैसे बन गया? जो कि गोविन्द वन्य जीव विहार व स्थानीय प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है।

मोरी ब्लॉक के सांकरी के सिदरी गांव के पास हाकम सिंह ने चार, पांच भवनों वाला एक सुन्दर देवदार का रिजॉर्ट बना रखा है इस रिजॉर्ट में आधुनिक सुविधाओं से लैस करीब पांच दर्जन कमरे बनाए गए है इसके अतिरिक्त यहां मीटिंग हॉल भी बनाया गया है। देवदार की लकड़ियों से बना यह रिजॉर्ट भी आजकल यहां पेपर लीक मामले के साथ चर्चाओं का विषय बना हुआ है। जिस गोविन्द वन्य जीव विहार क्षेत्र में चारापति काटना तक प्रतिबंधित है वहां हजारों देवदार के पेड़ों को काटकर इतना बड़ा रिजॉर्ट कैसे तैयार हो गया? इससे गोविन्द वन्य जीव विहार व स्थानीय प्रशासन की कार्य प्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे है। जहां एक ओर गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र में चारापति का दोहन भी प्रतिबंधित हैं साथ ही यहां हक हकूक भी बंद है। गोविंद वन्य जीव विहार प्रशासन के कड़े नियम होने के कारण यहां पेड़ काटने अपराध है जिससे यहां ग्रामीण अपने पुस्तैनी भवनों की मरम्मत तक नहीं कर पाते हैं। वहीं हाकम सिंह द्वारा यहां इतने बड़े देवदार के रिजॉर्ट का निर्माण कर दिया गया है। जिससे गोविन्द वन्य जीव विहार के आला अधिकारियों की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में है। इतना ही नहीं यहां अधिकांश भूमि सिविल सोयम की बताई जा रही है। अब एसटीएफ और राजस्व पुलिस के हस्तक्षेप करने के बाद गोविंद वन्य जीव विहार व स्थानीय प्रशासन के हाथ/पांव फूले हुए हैं। अब यहां उक्त विभागों के अधिकारी और कर्मचारी फीता डालकर अवैध अतिक्रमण का चिन्हिकरण करने में जुटे हैं। अब सवाल ये है कि जिन अधिकारियों की शह पर इतना बड़ा आलीशान रिजॉर्ट बनकर तैयार हुआ। क्या उन अधिकारियों और कर्मचारियों के संपत्ति की जांच होगी ? क्या वे बराबर के भागीदार नहीं है ?

 

क्या बोले उपनिदेशक : गोविंद वन्य जीव विहार के उपनिदेशक डीपी बलूनी से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि जब उच्च अधिकारियों द्वारा उन्हें निर्देशित किया जाएगा। वह तभी इस मामले पर कोई एक्शन लेंगे।

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