BBC ख़बर, नेटवर्क
- दुनिया भर की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के धुरंधरों को एक मंच पर लाकर,अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं पर संवाद करने के लिए आयोजित पहली विश्व स्वास्थ्य संगठन का अयोजन
दिल्ली/ गांधी नगर में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर पहली ग्लोबल समिट का उद्धाटन डब्ल्यूएचओ के महासचिव डॉ. ट्रेडोस एडनोम गेब्रेयेसस ने ब्रहस्पतिवार को गांधीनगर में किया। अपने संबोधन में उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की ऐतिहासिक पहल की जमकर तारीफ की और कहा कि हम पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा के जरिए दुनिया को स्वस्थ बना सकते हैं।
इस शिखर सम्मेलन में 75 से भी अधिक देशों के प्रतिनिधि और अनेक देशों के स्वास्थ्य मंत्री भाग ले रहे हैं।अपने संबोधन में डॉ. ट्रेडोस ने खास तौर पर भारत के घर-घर में पूजी जाने वाली तुलसी का जिक्र किया। उन्होंने तुलसी के गुणों का वर्णन करते हुए कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे तुलसी पौधा लगाने का मौका मिला ।
केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोणोवाल ने इस शिखर सम्मेलन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा कि उनके सक्षम और समर्थ नेतृत्व में पारंपरिक चिकित्सा को नई पहचान मिली है और आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।विश्व के पहले पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक शिखर सम्मेलन के पहले दिन ट्रेडिशनल मेडिसिन से जुड़ी फिल्म और वृत्त चित्र भी दिखाये गये ।
ये रहे मौजूद
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष टेडरॉस, केन्द्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोणोवाल, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.मनसुख मांडविया एवं केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेंद्रभाई
ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के बाद अब भारत में ही पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है ।