उत्तराखंड

निर्माण कार्यों को लेकर ठेकेदार और विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में

एक साल पहले बनी सड़क पर डामरीकरण उधड़ा और पुस्ते ढहे, सुध लेने वाला कोई नहीं

पुरोला। लोग वोट इसलिए करते हैं कि सरकारी सिस्टम सुधरे। सड़क, बिजली-पानी जैसी बुनियादी जरूरतों का समाधान हो, लेकिन पुरोला ब्लॉक मुख्यालय से पोरा मोटर पुल और जवाहर नवोदय विद्यालय धुनगिरी को जाने वाली सड़क खस्ताहाल बनी है। इस सड़क को बने अभी एक साल भी नहीं हुवा लेकिन कई जगह नारदानों के पास गड्ढे बने हैं। डामरीकरण उधड़ा है। सड़क किनारे लगी दीवारें टूटी पड़ी है। लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है।

एक साल पहले बनी सड़क का डामरीकरण उधड़ा : पुरोला से पोरा मोटर पुल को जोड़ने वाली सड़क पर साल भर पहले डामरीकरण हुआ था, जो एक सर्दी को भी नहीं झेल पाया। इसे लेकर सरकारी सिस्टम के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। स्थानीय निवासी राजपाल पंवार और त्रिलोक सिंह का कहना है कि कई बार इस सम्बंध में विभाग को अवगत कराया गया है। लेकिन पीएमजीएसवाई के अफसर आंखें मूंदे बैठे हैं।

ठेकेदार को पेमेंट पूरा, गुणवत्ता का ख्याल नहीं  पीएमजीएसवाई ने सड़क बनाने वाले ठेकेदार को भुगतान भी कर दिया है। लेकिन सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। सड़क किनारे लगे पुस्ते तीन जगह से ढह रखें हैं, जिससे विभाग और ठेकेदार की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। डामरीकरण के नाम पर खानापूर्ति मात्र की गई। जिससे विभाग और ठेकेदार की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।

जान हथेली पर रख सफर करने को लोग मजबूर 
वर्ष 2020-21 में इस सड़क पर डामरीकरण किया गया था, जो की 1 साल में ही जगह-जगह से उधड़ गया है। हर रोज इस सड़क से सैकड़ों लोग और स्कूली बच्चे आवागमन करते हैं। कई दुपहिया वाहन सवार इस मार्ग पर चोटिल हो चुके हैं। सड़क के नारदानों के पास गड्ढे बने हैं, जो हादसे का सबब बने हुए हैं।

पुरोला से पोरा मोटर पुल तक सड़क निर्माण पहले लोक निर्माण विभाग ने करवाया जो बाद में हमें ट्रांसफर किया गया। जल्द सड़क का स्थलीय निरीक्षण कर जहां भी कमी रही होगी उसको जल्द ठीक कर दिया जाएगा।  – योगेंद्र कुमार, सहायक अभियंता, पीएमजीएसवाई

 

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