पुरोला में जिताया, अब जनता के काम भी कर लेना सरकार
राज्य गठन के बाद पहली बार टूटा है मिथक, सरकार और विधायक बीजेपी का
नौगांव। रोहित बिजल्वाण
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इसके नतीजे भी आ चुके हैं। पुरोला की जनता भाजपा को आशीर्वाद दे चुकी है। अब बस जनहित के काम भी होंगे, आम लोग अपने विधायक से यही उम्मीद लगाए बैठे हैं। क्योंकि, भाजपा लोक-लुभावन वादों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर उत्तराखंड की सत्ता पर काबिज हुई है।
इस बार टूट गया मिथक
आज से पहले पुरोला से जो भी विधायक जीता हर बार विपक्ष में ही रहा है। जिसमें दो बार भाजपा और दो बार कांग्रेस जीती लेकिन, इस बार यह मिथक भी टूट गया। सरकार और प्रतिनिधि भाजपा का ही है, जिससे लोगों को काफी उम्मीदें हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि विधायक दुर्गेश्वर लाल लोगों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं।
आखिर अस्थायी कूड़ा डंपिंग जोन से निजात कब ?
पुरोला-मोरी रोड पर नगर पंचायत का अस्थायी कूड़ा डंपिंग जोन आमजन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। यहां गंदगी के साथ ही बंदरों और आवारा पशुओं का अड्डा है। मोरी और हरकीदून, केदारकांठा जाने वाले ग्रामीणों और पर्यटकों को डंपिंग जोन की गंदगी का सामना करना पड़ रहा है। पुरोला नगर पंचायत के पास स्थायी रूप से कूड़ा डंपिंग जोन नहीं है। लोगों के घरों के कूड़े को 500 मीटर दूर पुरोला-मोरी रोड के किनारे डाला जा रहा है, जहां कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। वहां से सुनाली, श्रीकोट, घुंडाडा गांव के बच्चे पुरोला स्कूलों में पढ़ने आते हैं। लेकिन, सब परेशान हैं और बीमारियों का भी खतरा बना हुआ है।
पेट्रोल की नियमित सप्लाई नहीं : पुरोला के पेट्रोल पंप पर डीजल-पेट्रोल की नियमित आपूर्ति नहीं होने से भी लोगों को दिक्कत उठानी पड़ती है। अभी तो करीब 3 महीने से बन्द पड़ा है। लोग पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए रोज नौगांव के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। रवाईं घाटी के एकमात्र सुचारू नौगांव पेट्रोल पंप पर तीन महीने से हर रोज वाहनों की कतारें लगी रहती है जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी सिस्टम बेपरवाह व्यापार मंडल के साथ ही किसान संगठनों से जुड़े लोग इन समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन, सरकारी सिस्टम बेपरवाह बना हुआ है। अफसरों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।