
बीबीसी ख़बर, न्यूज नेटवर्क पुरोला
Purola/uttarkashi (May 16/24) विकासखंड पुरोला में शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सुगम–दुर्गम का कोटीकरण सही तरीके से न होने के कारण विगत सत्र में अनिवार्य तबादला सूची में सुगम से दुर्गम में तबादले होने से कई विद्यालयों में ताले लटकने की आसार बने हुए हैं। पुरोला विकासखण्ड के लगभग 87 प्रतिशत विद्यालय सुगम में दर्शाए गए हैं। जबकि विकासखण्ड के मात्र 7 प्राथमिक विद्यालय, 04 उच्च प्राथमिक विद्यालय दुर्गम क्षेत्रों में दर्शाए गए हैं। प्राथमिक शिक्षक संगठन ने पुरोला विकासखण्ड में अनिवार्य तबादले को शून्य सत्र घोषित करने की मांग की है।
पुरोला विकासखण्ड के 71 प्राथमिक विद्यालयों में से 45 विद्यालयों में एकल शिक्षक तथा पांच विद्यालय वर्तमान में शिक्षक विहीन है। साथ ही वर्तमान शैक्षिक सत्र में अनिवार्य स्थांतरण के चलते अन्य दस विद्यालय भी शिक्षक विहीन हो जाएंगे। शैक्षिक सत्र में जारी की गई अनिवार्य तबादला सूची में सुगम से दुर्गम के लिए 26 शिक्षकों का तबादला होना है जिस कारण विकासखंड पुरोला के लगभग 60 विद्यालय एकल एवं शिक्षक विहिन होने के कगार पर है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव विद्यालय में अध्यनरत छात्रों पर पड़ना तय है।संपूर्ण विकासखंड इस समस्या से विगत कई वर्षों से जूझ रहा है कोटीकरण के संबंध में प्राथमिक शिक्षक संगठन के पदाधिकारी कोटी करण सुधार हेतु पत्रावली पिछले दो वर्षों से जनपद मुख्यालय में भेज रहा है। लेकिन जिल्ले में बैठे अधिकारी उन पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। विकासखंड में 95% विद्यालय सुगम होने के कारण यहां पर स्थानांतरण एवं पदोन्नति के लिए दुर्गम विद्यालय उपलब्ध नहीं है जिस कारण यहां से शिक्षकों को प्रत्येक शैक्षिक वर्ष में अन्य विकासखंड में जाना पड़ रहा है जिससे कि विद्यालय बंद होने के कगार में पहुंच गए हैं ।
प्राथमिक शिक्षक संगठन के अध्यक्ष मनोहर पंवार का कहना है कि जनपद के अधिकारी विकासखंड पुरोला की इस गंभीर समस्या को मध्य नजर रखते हुए यहां से स्थानांतरित हो रहे शिक्षकों को स्थानांतरण करने से पूर्व यहां का कोटि करण सुधारा जाए और इस शैक्षिक स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित किया जाए। ताकि छात्रोंं के पठन-पाठन पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े।
कोटीकरण में सुधार करने की मांग करने वाले सुरेंद्र चौहान, विनोद रतूड़ी, त्रेपन सिंह रावत, यशवंत सिंह चौहान, राजेश गोयल, चरण असवाल,अजय दुमोगा, होशियार सिंह चौहान, संगीता गोयल, वृंदा ठाकुर, वीना चौहान, स्नेह पूजा रावत, कविता जैन, सरोज नेगी, प्रकाशी असवाल सहित कई अन्य शिक्षक मांग कर रहे हैं।