मीडिया कर्मियों व स्थानीय लोगों पर दर्ज फर्जी मुकदमों को वापस न लेने पर उग्र आंदोलन को चेताया
Purola (उत्तरकाशी)। धर्मांतरण के विरोध और पुलिस द्वारा 03 स्थानीय लोगों और 02 मीडिया कर्मियों पर दर्ज नामजद मुकदमे को वापस लेने को लेकर व्यापार मंडल और हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने आज बाजार बंद कर अपना विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर पुलिस द्वारा दर्ज नामजद मुकदमों को वापस लेने की मांग की है। साथ ही मुकदमे वापस नहीं होने पर आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है। इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।
नगर पंचायत पुरोला में आज हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों और व्यापारियों ने बाजार बंद कर धर्मांतरण के विरोध में ढोल–नगाड़ों के साथ कुमोला रोड, मन्दिर मार्ग, हरकीदून रोड, देहरादून रोड, खाबली सेरा होते हुए तहसील तक विशाल जनाक्रोश रैली निकाली। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र रावत ने कहा कि पुरोला में धर्मांतरण का खेल विगत 10 वर्षों से निरंतर चलता आ रहा है, लेकिन पुलिस/प्रशासन मौन बना बैठा है। स्थानीय लोगों ने जब इस मामले का पर्दाफाश किया तो उनके खिलाफ नामजद मुकदमे दर्ज किए गए। जिससे कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन की संलिप्तता नजर आती है। क्योंकि जिस दिन यह घटना घटित हुई थी। उस दिन मीडिया कर्मियों द्वारा पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार को सबसे पहले इसकी सूचना दी गई थी। बावजूद स्थानीय पुलिस दो घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस धर्मांतरण में लिप्त लोगों को छोड़ स्थानीय लोगों व मीडिया कर्मियों पर मामला दर्ज कर अपने कारनामों पर पर्दा डालने में लगी है। जो किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जायेगा। वहीं व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम के माध्यम से भेजे ज्ञापन में लिखा है कि जल्द फर्जी मुकदमों को वापस किया जाए और धर्म परिवर्तन में लगे लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। मुकदमे वापस नहीं होने पर संपूर्ण रंवाई घाटी में उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन/प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा धर्मांतरण के लिए प्रयोग किए जा रहे भवन पर बुलडोजर चला दिया जाए। ताकि ऐसे लोगों द्वारा ऐसे कृत्य करने का दुस्साहस फिर से ना दोहराया जा सके। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने करीब आधे घंटे तक बाजार चौकी के सामने सांकेतिक जाम लगाए रखा। जिसे सीओ बड़कोट सुरेंद्र सिंह भंडारी ने लोगों को समझा बुझा कर खुलवाया है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि धर्मांतरण कराने के लिए मसूरी का पादरी गया था। पुलिस ने मामले को लेकर दोनों तरफ से मुकदमा लिखा है। प्राथमिकता के आधार पर केस की विवेचना करने के निर्देश दिए गए हैं। संशोधित कानून के तहत यह पहला केस दर्ज हुआ है।– वी मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड।