Purola (उत्तरकाशी)। समान नागरिक संहिता कानून (Uniform Civil Code in Uttarakhand) पर गठित विशेषज्ञ समिति ने आज लोक निर्माण विभाग अतिथि गृह पुरोला में आम नागरिकों, गणमान्य व्यक्तियों, महिलाओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों, वकीलों एवं बुद्धिजीवियों के साथ विस्तार से परिचर्चा की। बैठक में बुद्धिजीवियों द्वारा विभिन्न बिन्दुओं पर अपने-अपने विचार समिति के समक्ष रखे गए, जिन्हें समिति द्वारा रिकार्ड किया गया।
समिति के पूर्व मुख्य सचिव /सदस्य शत्रुघन सिंह, डॉ. सुरेखा डंगवाल, समाजसेवी डॉ. मनु गौड़ ने बताया कि समिति राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों को समान नागरिक संहिता की जानकारी दे रही है। और जनता के सुझाव प्राप्त कर रही है। समिति पूरे राज्य में भ्रमण कर आम लोगों से विशेषतौर पर महिलाओं और युवाओं से परिचर्चा करते हुए विवाह, संरक्षण, तलाक, गोद लेना, संपत्ति का अधिकार आदि विषयों पर सभी के विचार और सुझाव एकत्रित किए। ताकि सभी की अनुकूलता के हिसाब से समान कानून तैयार हो और आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिले। परिचर्चा के दौरान गणमान्य एवं प्रबुद्धजनों द्वारा स्थानीय परम्पराओं को देखते हुए कई अहम सुझाव दिए। जिसमें महिलाओं एवं पुरूषों के बराबर का अधिकार की भागेदारी, बहुपति प्रथा, लिविंग रिलेशनशिप, बालक, बालिका की विवाह की उम्र बराबर रखने समेत कई अधिकारों के बारे में अपने सुझाव दिए।
ये रहे उपस्थित : इस दौरान एसडीएम पुरोला जितेंद्र कुमार, ब्लॉक प्रमुख रीता पंवार, प्रधान करड़ा अंकित रावत, सुनाली बीरेंद्र सिंह राणा, एडवोकेट शरद रावत, रविंद्र रावत, महेंद्र सिंह, बीडीओ आरपी जोशी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि रहे।