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पुरोला (uttarkashi) आराकोट छेत्र में भारी बारिश व बादल फटने की घटनाओं के बाद जनजीवन प्रभावित हुआ है। क्षेत्र के काश्तकारों की जहां एक ओर कृषि भूमि को भारी क्षति पहुंची है। तो वही सेब बागवानों का भी भारी नुकसान हुआ है। छेत्र में तैयार सेब की फसल बगीचों में ही गिर गई है और कई पेड़ जड़ से ही उखड़ गए हैं जिससे बागवानों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। बागवानों का कहना है कि सरकार उनकी सेब की फसल का मुआयना कर उचित मुआवजा दें।
बीते दिनों आराकोट छेत्र में प्रकृति की भीषण तो भाई की वजह से काश्तकारों को भारी नुक्सान पहुंचा है जिसकी क्षतिपूर्ति के लिए शासन प्रशासन की तरफ से आपदा मद के तहत मुआवजा दिया जा रहा है। लेकिन इस क्षेत्र की एक मात्र नगदी फसल सेब को भारी नुक्सान पहुंचा है। प्राकृतिक आपदा में कई बाग उजड़ गए, कई फलदार पौधे पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए जो पौधे बच्चे थे उनसे तैयार सेब बाग में ही गिर गए । जिससे स्थानीय बागवानों के पास आजीविका और सेब की दवाइयां का संकट पैदा हो गया है। क्षेत्र की बागवानों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि उनको प्रति पेड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए, क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान का कहना है कि प्रशासन उनके सेब के बागों में आकर काश्तकारों के नुकसान का जायजा ले। और प्रशाशन से सेब की क्षतिपूर्ति की सिफारिश कर उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है।