नैनीताल हाई कोर्ट/उत्तराखंड वन छेत्र आधिकारी संघ द्वारा डिप्टी रेंज अधिकारी को चार्ज देने संबंधी दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने उत्तराखंड पीसीसीएफ विनोद सिंघल को फटकार लगाई,पीसीसीएफ ने कोर्ट से माफी मांगी जिस पर कोर्ट ने एक बार पीसीसीएफ को निजी पेशी के साथ ही चार हफ्ते में इस मामले पर जवाब मांगा। उक्त मामले की जानकारी वादी पक्ष के अधिवक्ता अभिजीत नेगी ने प्रेस को दी
उत्तराखंड रेंज अधिकारी संघ द्वारा डिप्टी रेंज अधिकारियों को टेरोटोरियल रेजों में डिप्टी रेंज अधिकारी का चार्ज देने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि किसी सीनियर आधिकारी का चार्ज जुनियर आधिकारी कैसे ले सकता है। कोर्ट ने आज उत्तराखंड के पीसीसीसीएफ विनोद सिंघल को निजी पेशी के दौरान फटकार लगाते हुए कहा कि जब कोर्ट द्वारा पूर्व में 10 मार्च 2010 को ये आदेश दीया गया था की किसी भी जुनियर आधिकारी को किसी सीनियर आधिकारी का चार्ज न दिया जाए तो इसका पालन क्यों नहीं हुआ।
जिस पर पीसीसीएफ़ ने जवाब देते हुए कहा कि कोर्ट ने ही पूर्व में ऐसा आदेश जारी किया था,की कोर्ट द्वारा ही जुनियर आधिकारी को सीनियर आधिकारी का चार्ज देने का आदेश पूर्व में किया गया था, जिस पर कोर्ट ने पूर्व के आदेशों को देखा और पाया की कोर्ट द्वारा ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया था। जिस पर कोर्ट ने पीसीसीएफ को खूब फटकार लगाई इस मामले पर पीसीसीएफ विनोद सिंघल ने कोर्ट से माफी भी मांगी।
साथ ही कोर्ट द्वारा पीसीसीएफ सिंघल द्वारा पूछा गया की जब वह उत्तराखंड के पीसीसीएफ बने तो उन्होंने उन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की, साथ ही जिन अधिकारियों ने सीनियर अधिकारियों का चार्ज जूनियर डिप्टी रेंज अधिकारीयों को दिया इसके संबंध में वह इसका जवाब चार सप्ताह में कोर्ट में पेश करें और साथ ही 26 अप्रैल को एक बार फिर निजी रूप से कोर्ट में पेश रहें। अगली सुनवाई 26अप्रैल को होगी