BBC ख़बर न्यूज नेटवर्क पुरोला
रिपोर्ट:– अनिल असवाल
Purola/Uttarkashi (Nov 08/24) पुरोला विधानसभा के नौगांव विकास खंड के भंकोली गांव में जल जीवन मिशन के तहत् जल निगम विभाग का अजब–गजब कारनामा सामने आया है। जहां लाखों रुपए खर्च करके जल निगम मरे हुए लोगों को तो पानी पिला रहा है।लेकिन जिंदा लोग पेयजल के लिए आज भी प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। इतना ही नहीं, निगम ने गांवों में निवास करने वाले परिवारों की संख्या से कई अधिक पानी के कनेक्शन कागज़ों में आवंटित कर दिए, लेकिन विभाग का खेल यहीं ख़त्म नहीं हुआ बल्कि ठेकेदार के साथ मिलकर गांव की विवाहित बेटी को भी दहेज के रूप में पानी का एक कनेक्शन दे डाला। यह सभी मामले महज़ एक आरोप नहीं बल्कि सूचना के अधिकार के साथ ही अपर जिला अधिकारी/उपजिला अधिकारी /तहसीलदार की जांच रिपोर्ट में बताया गया है। बाबजूद इसके भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही होती नहीं दिख रही।ग्रामीणों ने जल जीवन मिशन में तहत हुए कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर विभागीय अधिकारीयों व ठेकेदारों के खिलाफ़ कार्यवाही करने की मांग करते हुए पुरोला तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
नौगांव विकास खंड के सुदूरवर्ती भंकोली ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन के प्रथम चरण में भारी अनिमिततायें पाई गई। जिसकी जांच रिपोर्ट उप जिला अधिकारी पुरोला व अपर जिला अधिकारी उत्तरकाशी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कार्यदाई विभाग के आला अधिकारियों को नोटिस के रूप में दिया, भ्रष्ट तंत्र और बेलगाम अधिकारी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल–हर घर जल को भ्रष्ट अधिकारी और ठेकेदार पलीता लगा रहे हैं। भंकोली ग्राम पंचायत के 11 तोको में लगभग 45 लाख रुपए खर्च करके 277 पेयजल कनेक्शन कागज़ों में आवंटित कर दिया गया है जबकि ग्राम प्रधान के अनुसार गांव में 108 परिवार निवास करते हैं। और परिवार रजिस्टर के अनुसार लगभग 150 परिवार अभिलेखों में दर्ज हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जल निगम ने ठेकेदारों के साथ मिलकर जल जीवन मिशन के प्रथम चरण के कार्यों को फर्जी तरीके से बिना काम किए ही भुगतान कर डाला और बिना काम किए ही कार्य पूर्ति का बोर्ड गांव में लगा डाला। इस फर्जीवाड़े की शिकायत होने के बाद उपजिलाधिकारी पुरोला ने अपनी जांच में इस भ्रष्टाचार की पुष्टि के साथ ही कई अनियमितताएं धरातल पर पाई हैं।
केश नंबर 1– भंकोली गांव के चमधार तोक में जल जीवन मिशन के तहत लगभग 11 लाख रुपए का अनुबंध किया गया, लेकिन उक्त तोक में कोई भी आवासीय बस्ती नहीं रहती है। और कार्यदाई संस्था जल निगम ने उक्त बस्ती में कागजों में ही सात लोगों को पानी के कनेक्शन दे दिए। (ग्रामीणों व उप जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार)
केश नंबर 2– घटका नामे तोक में 9 परिवार निवासरत हैं। और विभाग ने 27 लोगों को सरकारी कागज़ों में कनेक्शन आवंटित कर दिया (उप जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार)
केश नंबर 3–बेड़ोग़ खेड़ा तोक में 30 से 35 परिवार निवास करते हैं और इनके पास पूर्व से ही पानी के कनेक्शन हैं लेकिन विभाग ने 12,18,172 रुपए खर्च कर 7 नए कनेक्शन कागज़ों में लगा डाले (उप जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार)
केश नंबर 4–भंकोली गांव में 15,00,900 रूपए खर्च किए गए गांव में 92परिवार रह रहे हैं और सभी के पास पूर्व से ही पानी का कनेक्शन है नई पाइप लाइन के कुछ पाइप गांव में बिछे जो अभी भी खुले में दिख रहे हैं लेकिन गांव में कोई नया कनेक्शन नहीं दिया गया।(उप जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार)
केश नंबर 5– भंकोली गांव में ऊषा राणा पुत्री कुंदन सिंह को एक पेयजल कनेक्शन दिया गया लेकिन उक्त महिला की पूर्व में शादी हो गई थी। जिसे विभाग और ठेकेदारों ने दहेज के रूप में पानी का कनेक्शन कागज़ों में आवंटित कर दिया।(उप जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार)
केश नंबर 6–घटका नामे तोक में मृत माला देवी के नाम पर पेयजल कनेक्शन दिया गया जो तीन वर्ष पूर्व मर चुकी हैं। इतना ही नहीं शिकायत कर्ता श्याम सिंह राणा और उनकी पत्नी राधा देवी को भी सरकारी कागज़ों में अलग–अलग पेयजल कनेक्शन दिया गया जबकि राधा देवी अपने पति श्याम सिंह के साथ ही रहती है।(उप जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार)
जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार की जांच तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम स्तर पर होने के बाद विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा और कई अनियमितताएं पाई गई लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई भी आंच नहीं आई । 05 जून को अपर जिला अधिकारी उत्तरकाशी रज़ा अब्बास ने अधिशासी अभियंता पेयजल निगम उत्तरकाशी को 11 बिंदुओं पर भ्रष्टाचार और अनियमितता को लेकर नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों में नोटिस का जवाब मांगा जवाब नहीं देने पर विधिक कार्यवाही की चेतावानी भी नोटिस में जारी किया गया था।लेकिन भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे अधिकारियों द्वारा आज तक कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया और ना ही भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्यवाही अमल में लाई गई। इस मामले पर पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख श्याम सिंह राणा द्वारा पुरोला तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया जिसमें उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्यवाही करने की मांग की।