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हरे पेड़ों के अवैध कटान के मामले में दो कर्मचारी अटैच, पूर्व डीएलएम से भी होगी वसूली

मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल द्वारा दो जांच टीमों का किया गया गठन,अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप

Purola (उत्तरकाशी) मोरी विकास खंड में वन विकास निगम के लौट छपान की आड़ में अवैध कटान के मामले में मुख्य वन संरक्षक (गढ़वाल) द्वारा जांच टीमें गठित करने से अधिकारियो और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उक्त मामले में वन निगम के डीएलएम  विक्रम सिंह रावत ने दो कर्मचारियों को निगम कार्यालय से अटैच करते हुए, अनुभाग अधिकारी व तत्कालीन डीएलएम रामकुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा है।

कार्यालय वन विकास निगम पुरोला

मोरी ब्लाक के टौंस वन प्रभाग के कोठीगाड,सांद्रा,देवता रेंजों में वन विकास निगम के लौट छपान की आड़ में कुछ लोंगो द्वारा दिसम्बर में भारी मात्रा मे देवदार,कैल,रई,मुरेंडा के हरे पेड़ो का अवैध पातन किया गया था।

डीएलएम विक्रम सिंह रावत वन विकास निगम पुरोला

जिस पर क्षेत्र के लोगों द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत की गई। उसके बाद हरकत में आए टौंस वन प्रभाग के अधिकारियो ने इसमे वन विभाग व वन विकास निगम की एक संयुक्त टीम गठित कर मामले की जांच की थी। जांच टीम ने मात्र 37 पेड़ो का अवैध कटान दिखाकर 8 लाख 91 हजार 600 रूपये का जुर्माना तय कर मामले को रफा दफा कर दिया गया था। लेकिन मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्य वन संरक्षक (गढ़वाल) सुशांत कुमार पटनायक ने दो जांच टीमें गठित कर दी, जिसके बाद टौंस वन प्रभाग व वन विकास निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।

वही एक टीम में सुधीर कुमार सहायक वन संरक्षक लैंसडौन वन प्रभाग, देहरादून वन प्रभाग एवं प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून,वन क्षेत्राधिकारी बड़कोट वन प्रभाग

दूसरी टीम में मयंक गर्ग सहायक वन संरक्षक उत्तरकाशी वन प्रभाग, वन क्षेत्राधिकारी कैम्पटी मसूरी,प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी वन प्रभाग को शामिल किया गया है।

पूर्व में तैनात डीएलएम रामकुमार का कुछ वर्ष पूर्व वन विकास निगम के करोड़ों रुपए के लौट में लगी आग में कुलनी अग्नि कांड में भी उछला था नाम ।

अवैध पातन मामले में 8 लाख 91 हजार 600 रूपये का जुर्माना टौंस वन प्रभाग व वन विकास निगम के संयुक्त जांच के बाद फिक्स किया गया। जुर्माने की धनराशि आरोपी वन विकास निगम के कर्मचारियो व अधिकारियो के वेतन से वसूला जायेगा। साथ ही मामले में संलिप्त कर्मचारीयों को कार्यलय में अटैच कर दिया गया है और पूर्व डीएलएम के साथ ही स्केलर से स्पष्टीकरण मांगा गया है – विक्रम सिंह रावत डीएलएम वन विकास निगम पुरोला।

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