उत्तरकाशी : यमुनाघाटी में वैज्ञानिकों ने बताया रोगों से कैसे बचाएं पौधे
काश्तकारों को फल-सब्जियों को बीमारियों से बचाने की दी विस्तृत जानकारियां
नौगांव। कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ के वैज्ञानिकों ने आज यमुनाघाटी के नौगांव, तुनालका और नैणी में पहुंचकर काश्तकारों को बेमौसमी बारिश से फल और सब्जी पर होने वाले दुष्प्रभाव को रोकने के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य उद्यान अधिकारी उत्तरकाशी डॉ. रजनीश सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ के वैज्ञानिक डॉ. पंकज नौटियाल, डॉ. नीरज और आलू एवं सागभाजी विकास अधिकारी अनिल कुमार मिश्रा आज यमुनाघाटी पहुंचे। इस दौरान वैज्ञानिक डॉ. पंकज नौटियाल ने टमाटर की खेती में हो रहे बैक्टीरियल विस्ट (गलन) की समस्या से निजात दिलाने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बैक्टीरियल विल्ट जीवाणुरहित रोग है, यह अधिक वर्षा होने के बाद बनी नमी के कारण फैलता है। इससे खेत में पौधे मुरझा जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए पहला स्प्रे 100 लीटर पानी में 300 ग्राम कॉपर-आक्सी-क्लोराइड-10 ग्राम स्ट्रेप्टोसाईक्लिन और दूसरा स्प्रे 100 लीटर पानी में मेटामेन -मेंकोजेव या रिडोमिल गोल्ड का स्प्रे करके बचाव किया जा सकता है।
ये रहे उपस्थित : किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विजय सिंह रावत, गजेंद्र दत्त नौटियाल, जोगेंद्र सिंह राणा, अजब सिंह रावत, संजय रावत, प्रताप चौहान, जगेंद्र रावत, विजेंद्र सिंह, विजय पाल रावत, सुनील चंद, मनमोहन चंद, भगवान चंद उद्यान विभाग का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।