नैनिताल : सीएम धामी ने रविंद्र जन्मोत्सव कार्यक्रम का किया शुभारंभ
गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर की 161वीं जयंती पर शांति निकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया के द्वारा कार्यक्रम आयोजित
रविंद्र-सृजनिका पुस्तक का विमोचन
रामगढ़/नौगांव। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जिले के रामगढ़ में शान्ति निकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया के द्वारा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती पर आयोजित रविंद्र जन्मोत्सव -2022 कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। साथ ही रविंद-सृजनिका नामक पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
सीएम पुष्कर धामी ने रविवार को गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के 161वें जन्मोत्सव दिवस पर बधाई दी और रामगढ़ विश्व भारती केंद्रीय विश्वाविद्यालय के प्रथम परिसर का भूमि पूजन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के मंत्र पर अग्रसर है और जनकल्याण को समर्पित है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार जनकल्याण की भावना के अनुरूप लगातार प्रदेश का चहुमुखी विकास कर रही है। पीएम का उत्तराखंड गहरा लगाव है। कार्यक्रम में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामगढ़ द्वारा सांस्कृतिक एवं देवभूमि सांस्कृतिक दल द्वारा छोलिया नृत्य की प्रस्तुति दी। इस मौके पर उद्यान विभाग ग्रामीण आजीविका मिशन बोराकोट द्वारा स्टॉल भी लगाए गए।
ये रहे उपस्थित : विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति एनके जोशी, डीएम धीराज सिह गर्ब्याल ,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, परियोजना निर्देश अजय सिह ,अब्ज प्रसाद बाजपेई महाप्रबंधक केएमवीएन ,एसडीएम धारी योगेश मेहरा, ब्लॉक प्रमुख धारी आशा रानी, कुंवर सिंह नेगी, डॉ अनिल कपूर डब्बू, डॉ दुर्गेश पंत, दया पोखरिया, रविंद्र, प्रधान रेखा जोशी, समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी रहे।
बोले, गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने 19वीं शताब्दी में पांच बार यहां आकर की काव्य रचना : सीएम ने कहा की उनकी सरकार सबका साथ एवं सबका विकास के तहत कार्य करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। रामगढ़ क्षेत्र के टैगोर टॉप स्थित गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की कर्म स्थली जहां उन्होंने 19वीं शताब्दी में पांच बार यहां आकर अपनी काव्य रचना की। उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला जो किसी एशियाई को मिला पहला नोबेल पुरस्कार था। कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने रामगढ़ में रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के परिसर की स्थापना में अपनी रुचि व्यक्त की है, वह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है। कहा इस सौगात से जहां विश्व भारती केंद्रीय विश्वविद्यालय उत्तराखंड को भारत के प्रमुख शिक्षा केन्द्र के रूप में स्थापित होने का अवसर प्राप्त होगा। वहीं स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे, तथा यह राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय शोधार्थियों के लिए भी नया गंतव्य बनेगा। इसके लिए केंद्रीय राज्य मंत्री सांसद अजय भट्ट, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के विशेष प्रयास रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व भारती की स्थापना के लिए प्रथम चरण में 150 करोड़ रूपये की डीपीआर केन्द्र सरकार में स्वीकृति की प्रक्रिया में है, उत्तराखंड सरकार द्वारा 45 एकड़ भूमि मे विश्व भारती केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर की स्थापना की औपचारिकता पूर्ण कर ली गई। उन्होंने प्रोफेशर विदयुत चक्रवर्ती, कुलपति विश्वभारती पश्चिम बंगाल तथा शांतिनिकेतन ट्रस्ट फॉर हिमालया के प्रवासियों का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का होगा। जो देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य होगा।
सीएम को इन्होंने किया सम्मानित : कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर अतुल जोशी, स्थानीय विधायक राम सिंह कैड़ा, पूर्व विदेश सचिव शशांक, देवेंद्र ढेला देवेंद्र बिष्ट, भाजपा के मंडल अध्यक्ष कुंदन चिलवाल आदि जनप्रतिनिधि द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र भेंट किए।