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दिव्यांगों की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा–संत चिदानंद सरस्वती महाराज 

बीबीसी ख़बर, न्यूज नेटवर्क

नौगांव(uttarkashi) परमार्थ विजय पब्लिक स्कूल दिव्यांग छात्रावास तुनालका में आयोजित कार्यक्रम में ऋषिकेश परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रमुख संत चिदानंद सरस्वती महाराज शामिल हुए। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दिव्यांगों की सेवा ही सबसे बड़ी दिव्य सेवा है।

उन्होंने कहा, दिव्यांग आवासीय विद्यालय को परमार्थ निकेतन आश्रम ने एक वर्ष पहले गोद लिया था। यहां अध्ययनरत सभी दिव्यांग छात्रों का भरण-पोषण परमार्थ निकेतन करता है।

कार्यक्रम में चिदानंद सरस्वती ने कहा की उनका सपना है की राज्य को दिव्यांग मुक्त करना है और इसके लिए वे स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करेंगे। और निशुल्क उपकरण बांटे जाएंगे।इस मौके पर साध्वी भगवती अपने अनुयाई के साथ यमुनोत्री दर्शन के लिए भी पहुची जहां उन्होंने यमुना के दर्शन कर पूजा अर्चना की। साथ ही श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों से मां यमुना को स्वच्छ बनाने की अपील की, यमुनोत्री धाम में अपने अनुयायियों के साथ साध्वी भगवती सरस्वती ने तीर्थपुरोहितों से भी मुलाकात कीया। उन्होंने यमुनोत्री मार्ग पर जगह-जगह यमुना में फेंके गए प्लास्टिक कचरे और फैली गंदगी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सब हमारी सभ्य समाज की पहचान और हमारी संस्कृती नहीं है। यमुना को स्वच्छ बनाने में सभी लोग सहयोग करें।

इस अवसर पर विद्यालय की संचालिका विजयलक्ष्मी जोशी ने विद्यालय की प्रगति रिर्पोट भी पेश की ओर बताया कि अभी तक इस विद्यालय के कई दिव्यांग छात्र सरकारी सेवा में कार्यरत है। और कई छात्र विभिन्न स्थानों में पीजी कॉलेज में दाखिला ले कर आगे की तैयारियों में जुटे हैं इस अवसर पर वीरेंद्र जोशी, केशव गिरी महाराज, कबूल पंवार, नवजोत असवाल, हरदयाल सिंह, जनक चौहान, स्वदेश,सुरेंद्र रावत, महावीर पंवार, सोबन सिंह राणा आदि उपस्थित रहे।

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