Purola (उत्तरकाशी)। अतिवृष्टि से पुरोला/मोरी क्षेत्र में काश्तकारों की धान की बर्बाद फसल का उचित मुआवजा न मिलने पर पुजेली गांव के किसान धान की बाली लेकर तहसील दिवस में पहुंचे। काश्तकारों ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण धान की फसल बीमारी की चपेट में आने से बर्बाद हो गई। उन्होंने एसडीएम को बर्बाद धान की फसल की बाली दिखाई। तहसील दिवस पर कुल 12 शिकायतें आई जिसमें से कई का मौके पर ही निस्तारण किया गया है।
तहसील परिसर में एसडीएम जितेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित तहसील दिवस में भारी बारिश एवं ओलावृष्टि से बर्बाद हुई धान की फसल की बाली को लेकर तहसील दिवस में पहुंचे पुजेली गांव निवास श्यालिक राम नौटियाल, लोकेश नौटियाल आदि ग्रामीणों ने बताया कि पुजेली गांव में भारी बारिश के कारण धान की फसल रोग की चपेट में आने से बर्बाद हो गई। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया बाबजूद अधिकारियों ने मौका मुआयना तक करना उचित नहीं समझा। भद्राली के पूर्व प्रधान राजपाल पंवार ने बताया कि गत दिनों भारी बारिश से मठ–भद्राली मोटरमार्ग के किमी एक व दो में करीब 20 मीटर सड़क की दीवाल टूटने से भद्राली गांव के बिशन सिंह व महेन्द्र सिंह के आवासीय भवनों के ऊपर मलवा आ गया लेकिन लोनिवि द्वारा अभी तक वहां से मलवा नहीं हटाया गया। जिसके कारण ये दोनों परिवार अन्य घरों में शरण लेकर रह रहे है। जखोल गांव के राम लाल ने बताया कि सांकरी–जखोल मोटरमार्ग के किमी 16 में गांव के कुछ लोंगो द्वारा सड़क के नारदाने बंद कर देने से यहां बारिश के पानी से गांव के अनुसूचित जाति के करीब 15 परिवारों की कृषि भूमि का भारी मात्रा में कटाव हो रहा है। इस पानी से गांव का मातृ शिशु कल्याण केंद्र, पंचायत भवन, दीर्घाकर बहुउद्देशीय समिति, मिनी बैंक आदि सरकारी भवनों सहित कई मकानों को खतरा बना हुआ है। तहसील दिवस में ग्रामीणों ने दणमाणा–करड़ा छानी मोटरमार्ग की मरम्मत करने की मांग भी की।