यमुनाघाटी के व्यापारियों ने जीएसटी नीति का किया विरोध
उपजिलाधिकारी के माध्यम से केंद्रीय वित्तमंत्री को भेजा ज्ञापन
Naugaon। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल यमुनाघाटी की ओर से सरकार की जीएसटी की नीतियों का विरोध किया गया। उपजिलाधिकारी के माध्यम से केंद्रीय वित्तमंत्री को आज ज्ञापन भेजा गया। कहा सरकार की व्यापारियों की जीएसटी की समस्याओं को लेकर उदासीनता है।
संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम शालिनी नेगी के माध्यम से केंद्रीय वित्तमंत्री को ज्ञापन भेजा। कहा सरकार की व्यापारियों की जीएसटी की समस्याओं को लेकर उदासीनता है। लगातार जीएसटी का स्लैब बदला जा रहा है और बढ़ाया जा रहा है। पहले से प्रीपैक गेहूं, आटा, दाल, चावल, दालों आदि पर भी सरकार ने पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। यह लोगों की आवश्यकता की वस्तु हैं। इसलिए इस पर किसी तरह का टैक्स नहीं होना चाहिए। इसके विरोध में ज्ञापन दिया गया। कहा कि पूर्व में जीएसटी को लेकर सरकार की ओर से यह कहा गया था कि पूरे देश में जीएसटी की दर एक समान रहेगी। इसका व्यापारियों के प्रति हमेशा सरलीकरण रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जिससे व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए व्यापारी इसका विरोध कर रहे है। व्यापारियों ने जीएसटी काउंसिल द्वारा प्रस्तावित जीएसटी दरों में वृद्धि और खाद्यान पर लगाए गए टैक्स को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष कबूल पंवार, दीवान सिंह रावत, तिलक चंद रमोला, चतर सिंह चौहान, सरदार सिंह राणा, प्यारे लाल नौटियाल सहित अन्य व्यापारी थे।
अबतक 236 व्यापारियों ने ली सदस्यता : नौगांव नगर व्यापार मंडल में 15 जुलाई से जारी सदस्यता अभियान में अबतक 236 व्यापारियों ने सदस्यता ग्रहण की है। शनिवार को सदस्यता अभियान का शुभारंभ यमुनाघाटी अध्यक्ष कबूल सिंह पंवार के द्वारा किया गया। सदस्यता अभियान में जिला संयुक्त महामंत्री सुनील भंडारी, जिला संगठन मंत्री हरदेव राणा जिला मंत्री लाइवर कलूड़ा, व्यापार मंडल नौगांव कोषाध्यक्ष गंभीर सिंह पंवार, राजेश सिंह रावत एवं नितिन रमोला आदि रहे। जिला संगठन मंत्री हरदेव सिंह राणा ने बताया कि छूटे हुए व्यापारी सोमवार और मंगलवार तक सदस्यता ले सकते हैं।