उत्तराखंड

उत्तरकाशी : गोदिन गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का यज्ञ और भंडारे के साथ समापन

नौगांव। जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड नौगांव के गोदिन गांव में नेगी बन्धुओं द्वारा 10 जून से आयोजित भागवत कथा का आज हवन और भंडारे के साथ समापन हो गया है। इस मौके पर यजमानों ने हवन यज्ञ में आहुति देकर सुख-समृद्धि की कामना की।

कथा वाचक आयुष कृष्ण नयन महाराज जी ने अंतिम दिन कामदेव का वर्णन करते कहा देवी पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थीं, लेकिन तपस्या में लीन शिव का ध्यान उनकी ओर नहीं गया। पार्वती की इन कोशिशों को देखकर प्रेम के देवता कामदेव आगे आए और उन्होंने शिव पर पुष्प बाण चला दिया, जिसके कारण शिव की तपस्या भंग हो गई। तपस्या भंग होने की वजह से शिव नाराज हो गए और उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी और उनके क्रोध की अग्नि से कामदेव भस्म हो गए। लेकिन भगवान शंकर तपस्या से जाग गए। इसके बाद सभी देवता प्रसन्न हो गए। लोग स्वार्थी हो गए हैं अपना काम निकालने के लिए मीठे बन जाएंगे और काम निकलने के बाद भूल जाएंगे। भागवत कथा के समापन के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं ने पंगति में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। भागवत कथा में सात दिन तक गांव का माहौल भक्तिमय नजर आया। वहीं प्रतिदिन रात्रि को रंगारंग भजन संध्या का आयोजन किया गया।

ये रहे उपस्थित : सरदार सिंह नेगी, मनमोहन नेगी, सुनील नेगी, अजय, मनीष, दीपांशु, जयवीर चंद डोटियाल, बबलू उनियाल, शैलेन्द्र सिंह असवाल, बृजमोहन रावत, रोहित बिजल्वाण, सोहन पॉल असवाल सहित गांव और आसपास के ग्रामीण उपस्थित रहे। 

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