पुरोला (uttarkashi) नौगांव विकासखंड के दोणी गांव में एक बुजुर्ग महिला पशुओं को जंगल में चुगाने ले गई थी, उसी दौरान बुजुर्ग महिला चट्टान से फिसल गई।जिससे उन्हें गहरी चोटों के साथ ही उनकी टांगों में फैक्चर हो गया। गांव में सड़क मार्ग की सुविधा ना होने के कारण ग्रामीणों ने उन्हें डंडी–कंडी बनाकर सड़क मार्ग तक पहुंचाया और उपचार हेतू देहरादून ले गए।
दोणी गांव की 75 वर्षीय बुजर्ग महिला भगवान देई अपने पशुओं को चुगाने पास के ही जंगल गई थी जहां पर एक चट्टान से उनका पांव फिसल गया और वो गंभीर रूप से घायल हो गए जिसमें उनकी टांगे भी फैक्चर होना बताया जा रहा है आसपास अन्य चारावाहों ने उन्हें घर तक पहुंचाया। गांव में सड़क मार्ग की सुविधा न होने के कारण घायल बुजुर्ग महिला को डंडी–कंडी बनाकर 4किमी दूर सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया जिसके बाद उन्हें उपचार हेतू देहरादून ले जाया गया। गांव के कृष्णा बर्तवाल, मनवीर सिंह, शीशपाल बलदेव ,इस्मत ,रविंद्र, दिनेश असवाल आदि का कहना है की कई बार सड़क मार्ग के लिए विभागों को प्रस्ताव भेजा गया लेकिन कोई भी सुनने वाला नहीं है सड़क मार्ग के अभाव में कई गर्भवती महिलाएं अपनी जान गवां चुकी है और अभी पिछले 15 मई को गांव के ही एक व्यक्ति श्याम सिंह बर्थवाल को हार्ट अटैक आया था जब तक गांव वाले 19 सड़क मार्ग पर पहुंचाने वाली थी तब तक वह भी अपना दम तोड़ चुके थे।
विडंबना
एक ऐसा गांव जो दो विकासखंडों में आता है
दोणी गांव का आधा आधा भाग पुरोला और नौगांव दोनों विकासखंड़ में आता है। बावजूद उसके दोणी गांव आज तक सड़क मार्ग से अछूता है गांव में लगभग 35 से 40 परिवार रहते थे। जो सड़क मार्ग न होने के कारण पलायन करने को मजबूर हैं। वहीं आधा गांव वालों का विकासखण्ड नौगांव और तहसील बड़कोट है तो आधा गांव वालों का विकासखण्ड और तहसील पुरोला पड़ती है। बावजूद इसके सड़क जैसी मुख्यधारा से ग्रामीण अभी भी वंचित है।