उत्तराखंड

किसानों को दी नैनो यूरिया के उपयोग और फायदों की जानकारी

इफ्को के क्षेत्रीय एसएफए के सहयोग से रष्टाडी गांव में किसान सभा आयोजित

नौगांव। विकासखण्ड के दूरस्थ गांव रष्टाडी में किसान सभा का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीणों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश के पहले नैनो यूरिया (लिक्विड) संयंत्र उद्घाटन कार्यक्रम को लाइव दिखाया गया। कार्यक्रम के दौरान इफ्को के क्षेत्रीय एसएफए ने किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग करने की विधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात में इफ्को के कलोल संयंत्र इकाई में विश्व के पहले नैनो यूरिया (लिक्विड) संयंत्र का उद्घाटन किया गया। इफ्को के क्षेत्रीय एसएफए प्रदीप राणा के सौजन्य से जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड नौगांव के दूरस्थ गांव रष्टाडी में किसान सभा का आयोजन कर किसानों को नैनो तरल यूरिया के प्रयोग और उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है। इसके स्प्रे के बाद फसलों के द्वारा 86 प्रतिशत उपयोग में लाया जाता है। और पत्तियों के रन्ध्रों द्वारा 80 से 85 प्रतिशत तक पौधों को नत्रजन मिल जाती है। तथा 15 से 20  दिन तक यह नत्रजन पौधों द्वारा उपयोग में लायी जाती है। इसके प्रयोग से पर्यावरण और जल प्रदूषण भी नहीं होता है।

ऐसे करें नैनो तरल यूरिया का उपयोग : फसलों में समुचित पत्तियां आने के बाद 02 एमएल नैनो यूरिया और 02 एमएल सागरिका (तरल) के साथ 01 लीटर पानी मिलाकर स्प्रे करें।  इसके प्रयोग से अबतक फसल उत्पादन में 08 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जो आगे 25 प्रतिशत तक हो सकती है। ये प्रयोग करके सिद्ध भी हो चुका है।

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