बीबीसी ख़बर, न्यूज नेटवर्क बड़कोट
गैर,बनाल/बड़कोट(Jun 19/24) पूर्व परंपरा के अनुसार अकाल से बचने के लिए बारिश की मांग को लेकर बनाल छेत्र से 45 गावों के ईष्ट आराध्य देव मुलकपति राजा रघुनाथ की पालकी के साथ सैकड़ों ग्रामीण आज मलाडी देवबन के घने देवदार के जंगलों में पहुंचे। जहां आराध्य देव मुलकपति राजा रघुनाथ के पशुवा पर देव अवतरित होते हुए मुल्क में खुशहाली और संपंता का वरदान देते हुए देव बारिश भी दी। जिस पर लोगों ने बारिश में खूब गीत और जयकारों के बिच राजा रघुनाथ का आभार जताया।
बड़कोट तहसील के गैर,बनाल छेत्र के 45 गांवों के साटी/ पानसाई थोक के लोगों ने अपने ईष्ट देव मुल्कपत्ती राजा रघुनाथ की देव डोली को सूखे की मार से बचने के लिए पूर्व परंपरा के अनुसार देवदार के जंगलों में स्थित मलाडी देवबन गाजे बाजे के साथ पहुंचे जहां डेव डोली की पूजा अर्चना की गई।
इसी दौरान एक व्यक्ति पर (देवता के पसुवा) देवता अवतरित हुए लोगों ने देवता से बारिश की मांग की देव पसूवा ने ग्रामीणों की याचना मानते हुए लोगों को आशीष वचन देते हुए मुल्क में खुशहाली और धन धान्य समृद्धि का वचन भी दीया। अचानक हुए बारिश से प्रसंचित लोगों ने रघुनाथ के जयकारों के बिच खूब तांदि नृत्य कर भंडारे का आयोजन भी किया।
छेत्र की लोक मान्यता और पौराणिक परंपरा है की जब भी ग्रामीणों को बारिश की आवश्यकता होती है या अकाल से बचने के लिए वह अपने आराध्य देव मुलकपति राजा रघुनाथ को मालाडी देवबन गाजे बाजे के साथ लेकर जाते हैं। तब तुरंत बारिश हो जाती है। ये लोक मान्यता और पौराणिक परंपरा आज भी देखने को मिलती है। और इसका असर भी फलीभूत होता है। तभी तो दुनिया भर के लोग उत्तराखंड को डेव भूमी के नाम से जानते है। यहां चमत्कार को नमस्कार मिलती है।
इस अवसर पर बजिर वीरेंद्र चौहान, चैन सिंह चौहान, क़िताब सिंह चौहान, विजयपाल सिंह चौहान,गुड्डू, जसवंत सिंह चौहान, सुखदेव सिंह रावत,सचिदानंद नौटियाल, मोहन प्रसाद गैरोला, पवन सेमवाल, शक्ति सेमवाल, राजेंद्र, महिषरण सेमवाल, बालकृष्ण सेमवाल, मनोज सेमवाल, श्यालिक राम गैरोला,जयप्रकाश, बचन सिंह चौहान, लायबार कालूडा,बलवंत पंवार, अनूप चौहान, महेंद्र सिंह गिरिश नौटियाल, दर्मियांन सिंह, राजेश गैरोला सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।