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Purola (उत्तरकाशी)मोरी में दलित युवक के मंदिर गर्भ गृह में प्रवेश पर मचे बवाल के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट पुरोला ने मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए मंदिर समिति के सदस्य को 6 फरवरी से पुरोला न्यायालय में परिवाद पत्र के आधार पर केश चलेगा। जिसमें कोर्ट ने कहा की समिति के सदस्य अपने गवाह और साक्ष्यों के साथ न्यायालय में पेश हों।
मोरी के सालरा/बैनोल गांव में गत बीते दिनों दलित युवक के कौल केदारी मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश को लेकर मचे बवाल और मंदिर में प्रवेश करने वाले आयुष के परिजनों द्वारा पांच ग्रामीणों के खिलाफ एससीएसटी में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया जिस पर दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा भी मंदिर में प्रवेश करने वाले आयुष के खिलाफ पौराणिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने, उपासना के स्थान को क्षति पहुंचाने,धार्मिक भावनाओं को आहत करने आदि को लेकर मोरी थाने में मुकदमा दर्ज करने के लिए शिकायती पत्र लिखकर दिया लेकिन थाने की तरफ से इस पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया जिस पर मंदिर समिति के सदस्य करतार सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
करतार रावत द्वारा आज न्यायालय पुरोला में उक्त प्रकरण में आयुष पुत्र अतर लाल ग्राम बैनोल तहसील मोरी के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने हेतु 156 (3) सीआरपीसी के अंतर्गत न्यायालय का आदेश प्राप्त करने हेतु आवेदन किया गया था। उक्त प्रार्थना पत्र को न्यायालय द्वारा परिवाद के रूप में अंतर्गत धारा 295, 295ए, 298, 323, 427,504, 506 ipc में दाखिल कर लिया गया है।न्यायालय ने कौल केदारी मंदिर समिति सालरा को दिनांक 6 फरवरी 2023 को मंदिर में घटित घटना के संबंध में तथ्यों सहित अपना पक्ष रखने का समय दिया है
जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने स्वत संज्ञान लेते हुए परिवाद पत्र के आधार पर पुरोला न्यायालय में दोनों पक्षों को सुना जाएगा उक्त जानकारी करतार सिंह द्वारा नियुक्त एडवोकेट पीएस राणा ने दी।