77 लोगों पर लगे थे अहमदाबाद दंगे के आरोप, जिनमें से 28 लोग पहले ही हो चुके हैं बरी
नौगांव। गुजरात के अहमदाबाद में 2008 में हुए ब्लास्ट के 49 दोषियों में से कोर्ट ने आज 38 को फांसी, 11 लोगों उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने शुक्रवार को 13 साल तक आतंक से मिले जख्मों का दर्द सहने वाले अहमदाबाद को इंसाफ दिया। इस सीरियल ब्लास्ट में 56 लोगों ने अपनी गंवाई थी। भारतीय इतिहास में पहली बार एकसाथ 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड में एकसाथ 26 लोगों को सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि गुजरात के अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। सत्तर मिनट के भीतर छप्पन लोगों की मौत हो गई थी। इस सीरियल धमाके में 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे. अदालत में 13 साल से भी ज्यादा समय तक सुनवाई चली। गत सप्ताह 49 लोगों को दोषी ठहराया गया और 28 अन्य को बरी कर दिया गया था। सोमवार को अभियोजन पक्ष ने दलीलें खत्म कर दोषियों को अधिक से अधिक सजा देने का अनुरोध किया था। अदालत ने 77 अभियुक्तों के खिलाफ पिछले साल सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही खत्म की थी। मुकदमे में विचाराधीन चल रहे 78 आरोपियों में से एक को सरकारी गवाह बनाया गया था।पुलिस ने जांच के बाद दावा है कि उक्त आरोपी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैं। आरोप था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का बदला लेने के लिए बम धमाके की सुनियोजित साजिश रची थी।